१)
अब...
ढेर सारा खालीपन है
मेरे अंदर...
इस खोखलेपन
का भराव
वह ढाई अक्षर हो
सकते थे...
जिन्हें पूरी श्रद्धा के साथ
तुम्हें संकेतित करते
एक सर्वनाम सहित संबंधकारक
लगाकर
मैंने उच्चरित किया था --
"तुम्हारा प्यार !"
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२)
तुम
मैं
प्रेम
सुख
सपने
यथार्थ
लड़ाई
उम्मीद
हौसले
विरह
संताप
अवसाद
प्रश्न
आकुलता
शेष
प्रतीक्षा
बस यही किस्से हैं
सदियों पूर्व से
अब,
अगली सदियों तक...!
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