रिपोर्ट : आज घाटशिला स्थित आई सी सी मजदूर यूनियन के हाल में प्रलेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष मंडल के सदस्य, झारखंड प्रलेस के संरक्षक, प्रख्यात आलोचक, कवि और सीपीआई के झारखण्ड राज्य कार्यकारिणी के सदस्य डॉ खगेन्द्र ठाकुर के लिए एक स्मृति सभा आयोजित की गयी. डॉ खगेन्द्र ठाकुर का निधन कल दिनांक 13 जनवरी, 2020 को पटना एम्स में हृदयाघात से हो गया था. इस सभा में लेखक, रंगकर्मी, कम्युनिष्ट पार्टी के युवा कार्यकर्ता और मजदूर (नेतृत्व के साथियों सहित) मौजूद थे. सबसे पहले छिता हांसदा ने संक्षेप में खगेन्द्र ठाकुर के जीवन और कृतित्व पर रौशनी डाली. इसके बाद शेखर मल्लिक ने अपने संस्मरणों को साझा करते हुए बताया कि सबसे पहली मुलाकात 'संगमन' के दौरान जमशेदपुर में हुई थी. वे युवा और वरिष्ठ लेखकों के बीच समान रूप से प्रिय थे. घाटशिला प्रलेस के लिए उनकी प्रेरणा ही थी, जब हजारीबाग में उन्होंने पूछने पर कि कैसे प्रलेस शुरू करें, कहा था - बस बैनर लगाओ, और शुरू हो जाओ. आज घाटशिला प्रलेस की इकाई सक्रिय है ! जमशेदपुर, हजारीबाग, बिलासपुर, पटना से लेकर जयपुर तक उनसे अनेक मुलाकातें हैं. उनका नाम, लगता था कि कितनी बड़ी शख्सियत हैं, लेकिन मिलो तो एकदम दोस्ताना महसूस होता था ! घाटशिला में अभी छ: सात महीने झारखंड प्रलेस के तृतीय राज्य सम्मेलन में किस प्रकार विनोदपूर्ण तरीके से उन्होंने अपना वक्तव्य शुरू किया था. प्रेमचन्द वाले सत्र में किस प्रकार उन्होंने उन पर लगाये गये लांछन और आरोपों का सिलसिलेवार खंडन किया था, वह अविस्मरणीय है. इसी सम्मेलन में आदिवासी कविता और विचार सत्र के दौरान तेज बारीश में जब पंडाल उड़ गया था और बारीश का पानी चूने लगा था, वे अपनी जगह पर बैठे भीगते हुए पूरा वक्तव्य सुनते रहे. उस समय अरुणांचल से आई कवियत्री जमुना बीनी का सम्बोधन चल रहा था. कॉमरेड ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वे मजदूर यूनियन के लिए यहाँ आते रहे थे. और पार्टी व निजी रिश्तों के बीच बड़ी समझदारी से और मानीखेज तरीके से पार्टी को चुनते थे. इस समय जैसा प्रतिकूल और चुनौती का दौर है, उनका जाना सचमुच अखरता है. शेखर मल्लिक ने कहा कि वे एक बरगद की तरह थे, जिसकी विस्तृत छाया में हम सब रहते आये थे. इसपर ओम प्रकाश जी ने सहमती जताई. ज्योति मल्लिक ने हालिया जयपुर में सम्पन्न प्रलेस के राष्ट्रिय सम्मेलन की बात याद करते हुए बताया कि खगेन्द्र जी ने झारखण्ड के डेलीगेटों के साथ फोटो लेने के लिए किस प्रकार मंच पर अन्य का इंतजार किया था और फोटो होने के बाद ही उतरे. भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के घाटशिला अनुमंडल सचिव कॉमरेड भुवनेश्वर तिवारी ने भी यादों को खंगालते हुए कहा कि खगेन्द्र ठाकुर यहाँ लगभग हर जगह आये. उनका जाना कम्युनिष्ट पार्टी के लिए क्षति है. वे जब किसी मुद्दे पर कुछ लिख देते थे तो वही पार्टी का स्टैंड हो जाता था, यानि हमें उस विषय पर निर्णय लेने में सहूलियत हो जाती थी. कॉमरेड खगेन्द्र ठाकुर की राय पार्टी के लिए मायने रखती थी. अंत में उनके लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी गयी. इस अवसर पर कॉम भुवनेश्वर तिवारी, कॉम ओम प्रकाश सिंह (महासचिव - आई सी सी मजदूर यूनियन, एटक), कॉम बी एन सिन्ह्देब (अध्यक्ष - आई सी सी मजदूर यूनियन, एटक), कॉम एन के राय, कॉम संतोष दास, देबाशीष बनर्जी, कॉम कानाई मुर्मू, गणेश मुर्मू (अध्यक्ष - इप्टा घाटशिला), ज्योति मल्लिक (सचिव - प्रलेस घाटशिला), छिता हांसदा, राजा सिंह्देब, रवि, लखीन्द्र प्रधान, शेखर मल्लिक (अध्यक्ष - प्रलेस घाटशिला) आदि मौजूद रहे. 14.01.2020
कुछ बातें जो रह जाती हैं कभी मन में, अनकही- अनसुनी... शब्दों के माध्यम से रखी जा सकती हैं,बरक्स... मेरे-तेरे मन की कई बातें... कई सारे अनुभव, कई सारे स्पंदन, कई सारे घाव और मरहम... व्यक्त होते हैं शब्दों के माध्यम से... मेरा मुझी से है साक्षात्कार, शब्दों के माध्यम से... तू भी मेरे मनमीत, है साकार... शब्दों के माध्यम से...
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मंगलवार, 14 जनवरी 2020
डॉ खगेन्द्र ठाकुर के निधन पर प्रलेस घाटशिला ने की स्मृति सभा
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