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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

एक क्रांतिकारी का खत, दुसरे क्रांतिकारी के नाम

प्रिय ह्यूगो ,

मैं बहुत संतुष्ट हूँ कि आप अमेरिकी भूमि के उस खण्ड पर, जिसे आपने इतना प्यार किया, और आपको चाहने, समर्थन करने वाले उन भाइयों के बीच वापसी करने में सक्षम हुए हैं.

एक लंबी और सतत् प्रतीक्षा, साथ ही शारीरिक प्रतिरोध के लिये आश्चर्यजनक क्षमता और डाक्टरों की एक टीम का पूर्ण समर्पण, जैसा कि इस मामले में पिछले 10 वर्षों में रहा है, इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक थे.

यह पूरी तरह अनुचित होगा यदि आपके निकटतम परिवार के सदस्यों के दुर्गम समर्पण, क्रांतिकारी नेतृत्व में आपके सहयोगियों, बोलिवेरियन सशस्त्र बलों, जो आपके द्वारा फिर से सशस्त्र और सुसज्जित हुए, और दुनिया के ईमानदार लोग जिन्होंने अपना समर्थन दिखाया, का उल्लेख नहीं किया जाय.

वह जीवन जो वेनेजुएलाई लोगों ने आपको दिया, भी विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने अपने उत्साही और न झुकने वाले समर्थन एवं अपने दैनिक प्रदर्शनों के साथ आपको सलाम किया है. यही वह चीज है,  जिसके लिये आपकी शुभ वेनेजुएला वापसी  कर्जदार है.

ह्यूगो, आपने दुख और बलिदान के उन कठिन दिनों में जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखा है. अब, हमें यद्यपि एक दैनिक आधार पर आप की खबर प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा, हम पुन: पत्राचार की विधि, जो हम कई वर्षों से इस्तेमाल करते रहे हैं, का उपयोग करेंगे.

हम हमेशा सचेतत: और विनम्रतापूर्वक मनुष्यों हेतु न्याय के वास्ते, बगैर साल, महीने, दिन या घंटे जो हमारे पास हमारी मानवता के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण युग में जीने के लिए बचे हैं, के डर के बिना लड़ेंगे.

हमारे लोगों को, जो आपके भी हैं, इस संदेश के माध्यम से वेनेजुएला के लिए आपकी वापसी का पता कल चल जाएगा. सब कुछ अधिक विवेक के साथ किया जाना था, ताकि फासीवादी समूहों को बोलिबेरियन क्रांतिकारी प्रक्रिया के खिलाफ उनकी निंदक कार्रवाई की कोई भी योजना बनाने का मौका न मिल सके.

जब समाजवादी शिविर ध्वस्त हो गया और सोवियत संघ विघटित हुआ और साम्राज्यवाद ने अपनी तेज चाकू के साथ क्यूबाई क्रांति को रक्त में डूबाने की कोशिश की, विभाजित अमेरिका में एक अपेक्षाकृत छोटा देश - वेनेजुएला, इसे (इस छूरे को) भोंथरा करने में सक्षम हुआ. समय की मजबूरी के कारण, मैंने एंटीलिज, मध्य और दक्षिण अमेरिका के कई देशों का उल्लेख नहीं किया है जिन्हें वेनेजुएला, अपनी महान आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रमों के शीर्ष पर मदद की है. यही कारण है कि दुनिया के सभी ईमानदार लोगों की "चावेज़ के स्वास्थ्य और उनकी खबर" पर सूक्ष्मतापूर्वक नज़र रही है.

सदैव, जब तक विजय ना हो !

एक प्रगाढ़ आलिंगन !

फिदेल कास्त्रो रुज

संध्या ८.३५ बजे
१७ फ़रवरी, २०१३

(चित्र और मूल पाठ (अंग्रेजी में रेचल बूथरोय्ड का अनुवाद) के लिये कॉम. विनीत तिवारी के फेसबुक पोस्ट से साभार)

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